Bihar Bhumi Survey 2024 : बिहार जमीन सर्वे का फॉर्म कैसे भरें?

बिहार भूमि सर्वे के लिए आवेदन कैसे करें : पूरी जानकारी

बिहार में जमीन सर्वे का फॉर्म भरना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह आपको अपनी जमीन के रिकॉर्ड को सही और अपडेट रखने में मदद करता है। हालांकि, प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है, लेकिन इस गाइड के साथ, आप आसानी से फॉर्म भर सकते हैं।

बिहार जमीन सर्वे का फॉर्म कैसे भरें?

कौन से फॉर्म भरने होते हैं?

आमतौर पर, बिहार में जमीन सर्वे के लिए दो मुख्य फॉर्म भरने होते हैं:

  • प्रपत्र 1: यह फॉर्म आपकी जमीन की बुनियादी जानकारी जैसे कि खसरा नंबर, रकबा, गांव का नाम आदि भरने के लिए होता है।
  • प्रपत्र 2: इस फॉर्म में आपको अपनी जमीन के स्वामित्व के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होती है। इसमें आपके परिवार के सदस्यों के नाम, उनके संबंध, और जमीन के हस्तांतरण के बारे में जानकारी शामिल होती है।

फॉर्म भरते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  • सटीक जानकारी: सभी जानकारी को सावधानीपूर्वक और सटीक रूप से भरें। कोई भी गलती आपके आवेदन को खारिज होने का कारण बन सकती है।
  • दस्तावेज: फॉर्म के साथ आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने होंगे जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, जमीन का पुराना रिकॉर्ड आदि।
  • कानूनगो कार्यालय: फॉर्म भरने के बाद आपको इसे अपने क्षेत्र के कानूनगो कार्यालय में जमा करना होगा।
  • सहायता: यदि आपको फॉर्म भरने में कोई समस्या आ रही है, तो आप कानूनगो कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों से मदद ले सकते हैं।

आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड: आपका आधार कार्ड आपकी पहचान का प्रमाण होगा।
  • जमाबंदी: जमाबंदी आपके भूमि स्वामित्व का प्रमाण है।
  • खाता खतौनी: खाता खतौनी में आपके भूमि के विवरण जैसे कि खसरा नंबर, रकबा आदि दिए होते हैं।
  • पहचान का अन्य कोई दस्तावेज: यदि आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आप अन्य पहचान के दस्तावेज जैसे कि मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि का उपयोग कर सकते हैं।
  • निवास प्रमाण पत्र: यह दस्तावेज यह साबित करता है कि आप बिहार के निवासी हैं।

आवेदन करने की प्रक्रिया Online and Offline

  1. ऑनलाइन आवेदन:

    • सबसे पहले आपको बिहार सरकार की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा।
    • वेबसाइट पर आपको भूमि सर्वे के लिए आवेदन का विकल्प मिलेगा।
    • इस विकल्प पर क्लिक करके आपको एक आवेदन फॉर्म खोलना होगा।
    • इस फॉर्म में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, भूमि की जानकारी और अन्य आवश्यक जानकारी भरनी होगी।
    • सभी जानकारी भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
    • अंत में आपको आवेदन को सबमिट कर देना होगा।
  2. ऑफलाइन आवेदन:

    • आप अपने नजदीकी राजस्व कार्यालय में जाकर या जहाँ पर भी आपके प्रखंड में कैंप लगा होगा वहां आवेदन कर सकते हैं।
    • कार्यालय में आपको एक आवेदन फॉर्म प्रपत्र -2 दिया जाएगा जिसे आपको भरकर जमा करना होगा।
    • साथ ही आपको आवश्यक दस्तावेजों की मूल प्रति और एक फोटोकॉपी भी जमा करनी होगी।

आवेदन के बाद क्या होगा?

  • आपके आवेदन की जांच की जाएगी।
  • यदि आपका आवेदन सही पाया जाता है तो आपके भूमि का सर्वेक्षण किया जाएगा।
  • सर्वेक्षण के बाद आपको एक रिपोर्ट दी जाएगी जिसमें आपके भूमि के विवरण दिए होंगे।

महत्वपूर्ण बातें

  • आवेदन करते समय सभी जानकारी सही-सही भरें।
  • सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी अपने साथ रखें।
  • आवेदन करने के बाद आपको एक रसीद मिलेगी जिसे संभाल कर रखें।
  • यदि आपको किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो आप अपने नजदीकी राजस्व कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

नोट: बिहार भूमि सर्वे के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकती है। इसलिए आवेदन करने से पहले आपको संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाकर नवीनतम जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए आप निम्नलिखित वेबसाइट पर जा सकते हैं:

बिहार भूमि सर्वे ऑनलाइन लिंक

बिहार भूमि सर्वे आवेदन पत्र डाउनलोड लिंक

प्रपत्र आवेदन डाउनलोड लिंक
प्रपत्र-1 उद्घोषणा का प्रपत्र
प्रपत्र-2 रैयत द्वारा स्वामित्व/धारित भूमि की स्व-घोषणा हेतु प्रपत्र
प्रपत्र-3 स्व-घोषणा के विरूद्ध निर्गत किये जाने वाले सत्यापन प्रमाण पत्र हेतु प्रपत्र
प्रपत्र-3.1 वंशावली
प्रपत्र-3(1.1) वंशावली के आधार पर प्रत्येक उत्तराधिकारी का दखल
प्रपत्र-3.2 याद्दाश्त पंजी
प्रपत्र-4 गैर-सत्यापित/विवादग्रस्त भूमि की पंजी का प्रपत्र
प्रपत्र-5 खतियानी विवरणी
प्रपत्र-6 खेसरा पंजी का प्रपत्र
प्रपत्र-7 खानापुरी पर्चा का प्रपत्र
प्रपत्र-8 दावों/आक्षेपों का प्रपत्र
प्रपत्र-9 दावों/आक्षेपों की पावती का प्रपत्र
प्रपत्र-10 दावा/आक्षेप पंजी का प्रपत्र
प्रपत्र-11 सूचना का प्रपत्र
प्रपत्र-12 प्रारूप खानापुरी अधिकार-अभिलेख का प्रपत्र
प्रपत्र-13 दावों/आक्षेप दायर करने का प्रपत्र
प्रपत्र-14 दावों/आक्षेप दायर करने का प्रपत्र
प्रपत्र-15 अधिकार-अभिलेख के प्रारूप प्रकाशन के दौरान दायर किए गए दावों/आक्षेपों की पंजी का प्रपत्र
प्रपत्र-16 दावों/आक्षेपों की पावती का प्रपत्र
प्रपत्र-17 अधिकार-अभिलेख के प्रारूप प्रकाशन के दौरान दायर दावों/आक्षेपों की सुनवाई हेतु पक्षकारों को सूचना का प्रपत्र
प्रपत्र-18 नया तेरीज नया अधिकार-अभिलेख का प्रपत्र
प्रपत्र-18.1 लगान बन्दोबस्ती दर तालिका
प्रपत्र-19 नये खेसरा पंजी का प्रपत्र
प्रपत्र-20 अधिकार अभिलेख के अंतिम प्रकाशन का प्रपत्र
प्रपत्र-21 अधिकार-अभिलेख अंतिम प्रकाशन के दौरान/प्रकाशन के उपरान्त दावा/आक्षेप दायर करने हेतु प्रपत्र
प्रपत्र-22 अधिकार-अभिलेख के प्रारूप प्रकाशन के दौरान दायर दावों/आक्षेपों की सुनवाई हेतु पक्षकारों को सूचना का प्रपत्र

वंशावली नहीं है तो नो टेंशन, ये वाला फॉर्म भरिये और हो जाएगा आपके जमीन का सर्वे

बिहार में चल रहे जमीन सर्वेक्षण के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लोग विशेष सर्वेक्षण के लिए बड़ी संख्या में आ रहे हैं। हालांकि, कई लोगों को आवश्यक दस्तावेज एकत्र करने और फॉर्म भरने में कठिनाई हो रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा इस समस्या को दूर करने के लिए गांव-गांव शिविर लगाए जा रहे हैं। अगर आप भी अपनी जमीन का सर्वे करवाना चाहते हैं और आपको फॉर्म 2 और 3 भरने पड़ेंगे।

क्या है प्रपत्र 2 और 3?

सबसे पहले यह जान लें कि जमीन सर्वे में प्रपत्र 2 और 3 क्या हैं। ये दोनों ही स्व-घोषणा पत्र हैं। प्रपत्र 2 में आपकी जमीन से जुड़ी सभी जानकारी जैसे खाता, खेसरा, रकबा आदि भरनी होती है। वहीं, प्रपत्र 3 में वंशावली की जानकारी देनी होती है।

प्रपत्र 2 ( जिसे स्व-घोषणा पत्र भी कहा जाता है ) में सरकार द्वारा मांगी गई कई जानकारियां भरनी होती हैं। सबसे पहले आपको रैयत का नाम, पता, खाता, खेसरा, रकबा जैसी बुनियादी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद आपको अपनी जमीन के प्रकार के बारे में बताना होगा। अगर आपके पास जमाबंदी नहीं है तो चिंता न करें, उस कॉलम को खाली छोड़ दें। अगर कोई अन्य जानकारी आपसे मांगी गई है और आपको उसके बारे में पता नहीं है, तो आप उसे भी खाली छोड़ सकते हैं। हालांकि, आपको यह जरूर बताना होगा कि आपकी जमीन पर आपके दावे का अधिकार कैसे है। यानी, क्या यह संपत्ति आपको दान में मिली है, विरासत में मिली है, आपने इसे खरीदा है (केवाला) या बंदोबस्ती में मिली है।

प्रपत्र 3 में वंशावली की देनी है जानकारी

वहीं, प्रपत्र 3 में जमीन मालिक या आवेदक को अपनी वंशावली के बारे में जानकारी देनी होती है। इसका मतलब है कि जो लोग खातियान धारक हैं या उनके उत्तराधिकारी हैं और अपने नाम पर खाता खुलवाना चाहते हैं, उन्हें इस फॉर्म में अपनी वंशावली के बारे में जानकारी देनी होगी। सभी उत्तराधिकारियों के नाम की सही जानकारी भरें। यह भी एक तरह का स्व-घोषणा पत्र है, इसलिए आपको इसके लिए पंचायत या किसी सरकारी दफ्तर में जाकर वंशावली बनवाने की जरूरत नहीं है। ध्यान रहे कि अगर आपको फॉर्म भरने में कोई परेशानी हो रही है, तो आप नजदीकी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के शिविर में जाकर मदद ले सकते हैं।

यह लेख आपको बिहार भूमि सर्वे के लिए आवेदन करने में मदद करेगा। यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो आप हमें पूछ सकते हैं।

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